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Shardiya Navratri 2024: घट स्थापना के 113 मिनट

शारदीय नवरात्र सभी नवरात्रों में सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण नवरात्र है। इसलिए शारदीय नवरात्रि को महानवरात्रि भी कहा जाता है। यह चंद्र मास आश्विन में शरद ऋतु के दौरान आता है। शारदीय नवरात्रि का नाम शरद ऋतु से लिया गया है। नवरात्रि के सभी नौ दिन देवी शक्ति के नौ रूपों को समर्पित हैं। शारदीय नवरात्रि सितंबर या अक्टूबर महीने में आती है। नौ दिनों का उत्सव दसवें दिन दशहरा या विजयादशमी के साथ समाप्त होता है। इस बार नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक है। 12 अक्टूबर को दशहरा है।

Shardiya Navratri 2024

Shardiya Navratri 2024: कब करें घट स्थापना ?

कुल 1 घंटे और 6 मिनट का मुहूर्त है

घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त – 3 अक्टूबर 2024, सुबह 11:46 से दोपहर 12:33 तक

कुल 47 मिनट का मुहूर्त है

Shardiya Navratri 2024

नवरात्रि के हर दिन के लिए एक खास रंग निर्धारित किया गया है। नवरात्रि के दौरान उस खास रंग को अपने जीवन में शामिल करना शुभ माना जाता है। नवरात्रि के दौरान, विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में महिलाओं के बीच उस दिन के रंग की पोशाक पहनने का चलन है। इसलिए, महिलाएं नवरात्रि के प्रत्येक दिन एक विशिष्ट रंग की पोशाक और श्रृंगार सामग्री से खुद को सजाती हैं। चाहे काम पर जाना हो या डांडिया और गरबा के लिए जाना हो, महिलाएं नवरात्रि के हर दिन एक खास रंग की पोशाक पहनने को लेकर उत्साहित रहती हैं। चलिए अब नवरात्रि के 9 दिन के 9 शुभ रंगों के बारे में जानते हैं…

नवरात्रि के पहला दिनपीला
नवरात्रि के दूसरा दिनहरा
नवरात्रि के तीसरा दिनग्रे
नवरात्रि के चौथा दिनऑरेंज (नारंगी)
नवरात्रि के पांचवां दिनसफेद
नवरात्रि के छठा दिनलाल
नवरात्रि के सातवां दिनरॉयल ब्लू
नवरात्रि के आठवां दिनगुलाबी
नवरात्रि के नौंवा दिनपर्पल (बैंगनी)

शारदीय नवरात्रि भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर, भक्त गरबा और डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्य करते हैं। अन्य जगहों पर, भक्त भजन और कीर्तन गाते हैं। शारदीय नवरात्रि का त्योहार ना केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग एक साथ आते हैं और अपनी संस्कृति और परंपराओं का जश्न मनाते हैं। शारदीय नवरात्रि 2024 एक ऐसा अवसर है जो सभी के लिए खुशी, आनंद और आध्यात्मिकता से भरपूर है। यह एक ऐसा समय है जब हम देवी दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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