Light, Camera & Ramayana
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में अब कुछ ही घंटे बचे हैं। पूरा देश ही नहीं बल्कि विश्व के कईं हिस्सों में भगवान राम को लेकर लोग भक्ति भाव में डूब चुके हैं। ब्रिटिश संसद और आस्ट्रेलिया जैसे बड़े देशों में भी श्रीराम के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा है। ऐसे में आज हम आपको भारतीय सिनेमा में राम नाम का रोल और महत्व बताएंगे…
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रामायण, भारत की प्राचीनतम और सबसे पवित्र कहानियों में से एक है। सदियों से, इस महाकाव्य ने कला, साहित्य और संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों को प्रेरित किया है और जब बात आती है सिनेमा की, तो भारतीय फिल्म उद्योग ने भी रामायण की कहानी को बार-बार दर्शकों के सामने पेश किया है। चलिए आज उसी सफर पर निकलते हैं जहां हम देखेंगे कि किस तरह हिंदी सिनेमा ने रामायण के पवित्र अध्यायों को बड़े पर्दे पर जीवंत किया है।
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हिंदी सिनेमा के करीब 113 साल के इतिहास पर गौर करेंगे तो अनेकों फिल्में बनीं। साल 1917 में आई फिल्म ‘लंका दहन’ रामायण पर बनी पहली फिल्म थी। उस समय फिल्मों में महिलाओं का काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। लिहाजा भगवान राम और मां सीता दोनों की भूमिका अन्ना सालुंके ने निभाई थी। फिल्म की शुरूआत श्रीराम के वनवास से शुरू होकर रावण के वध पर खत्म होती है।
बाद के सालों में प्रेम अदीब और शोभना समर्थ ने श्रीराम और मां सीता के किरदारों में जान फूंक दी थी। इस फिल्म को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने भी देखा था। प्रेम अदीब ने अपने जीवनकाल में 8 बार श्रीराम का किरदार निभाया था। जिसमें मां सीता का रोल शोभना समर्थ ने निभाया था।
इसके बाद साल 1961 में आई बाबूभाई मिस्त्री के निर्देशन में बनी ‘संपूर्ण रामायण’, वाल्मिकि रामायण पर आधारित थी। इस फिल्म में महिपाल ने भगवान राम और अनीता गुहा ने मां सीता का किरदार निभाया था। यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस में हिट रही।
हालांकि आज भी स्क्रीन पर श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अभिनेताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रियता अरुण गोविल को मिली। साल 1987 में प्रसारित हुए रामानंद सागर द्वारा बनाया गया धारावाहिक ‘रामायण’ में श्रीराम की भूमिका में अरुण गोविल के करियर की दिशा ही बदल दी। साथ ही मां सीता के किरदार में दीपिका चिखलिया ने शानदार काम किया। आपको बता दें कि इस समय यानि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अरूण गोविल (श्रीराम), दीपिका चिखलिया(मां सीता) और सुनील लहरी (लक्ष्मण) अयोध्या धाम पहुंचे हुए है।
साल 1997 में दिलीप कनिकरिया और वी. मधुसूदन राव द्वारा निर्मित हिंदी पौराणिक फिल्म ‘लव कुश’ में जितेंद्र ने श्रीराम और जयाप्रदा ने सीता की भूमिका निभाई थी, जबकि अरुण गोविल ने लक्ष्मण की भूमिका निभाई थी।
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अब साउथ इंडियन फिल्मों की बात करें तो यहां पर भी श्रीराम पर बहुत सी फिल्में बनीं। तेलुगु अभिनेता सीनियर एनटीआर ने ‘लव कुश’, ‘श्री रामंजनेय युद्धम’ और ‘सीता राम कल्याणम’ समेत कई पौराणिक फिल्मों में अभिनय किया था। श्रीराम के किरदार ने सीनियर एनटीआर को इतनी पब्लिसिटी दिलाई जिसका लाभ इनको आगे चलकर राजनीति में भी मिला।
तमिल में साल 1958 में आई के. सोमू के निर्देशन में बनी ‘संपूर्ण रामायणम’ में श्रीराम का किरदार सीनियर एनटीआर, वहीं सीता और भरत की भूमिका पद्मिनी और शिवाजी गणेशन ने निभाई थी।
बाद में सीनियर एनटीआर के बेटे जूनियर एनटीआर ने ‘बाल रामायण’ में राम के बचपन के किरदार को निभाया था। साल 2011 में बापू द्वारा निर्देशित तेलुगु फिल्म ‘श्रीराम राज्यम’ में नंदमुरी बालकृष्ण ने राम और नयनतारा ने सीता की भूमिका निभाई थी।
साल 2023 में रामायण पर आधारित बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आदिपुरुष ‘ रिलीज़ थी जिससे लोगों को काफी उम्मीदें थीं। इस फिल्म में बाहुबली फेम प्रभास ने श्रीराम का किरदार निभाया था और कृति सेनन से मां सीता का किरदार निभाया था। वहीं रावण का किरदार सैफ अली खान ने निभाया। लेकिन खराब डायलॉग और खराब वीएफएक्स की वजह से चारों तरफ से इस फिल्म की आलोचना हुई। बाद में फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर ने आगे बढ़कर माफी मांगी।
आने वाले दिनों में भी रामायण पर प्रोड्यूसर-डायेरक्टर नितेश तिवारी एक फिल्म बनाने का प्लान कर रहे हैं जिसमें रणबीर कपूर श्रीराम का किरदार निभाएंगे।
देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में रामायण को लेकर आ रही फिल्मों को दर्शक कैसा प्यार देंगे ?