भारत में हाल के वर्षों में हुए सबसे विनाशकारी रेल हादसों में से एक, शुक्रवार शाम ओडिशा के बालासोर के पास एक ट्रेन दुर्घटना में करीब 261 यात्रियों की मौत हो गई और 900 घायल हो गए। भारतीय रेलवे ने अब पुष्टि की है कि मार्ग पर कोई ‘कवच’ प्रणाली नहीं थी जो बहनागा रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियों के बीच टकराव को रोकने में मदद कर सकती थी। अगर इस रूट पर ‘कवच’ सिस्टम चालू रहता तो शायद इतना बड़ा हादसा ना होता। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने ‘कवच’ जैसी एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम की जरूरत को लेकर फिर से बहस शुरू कर दी है। आखिर क्या है यह ‘कवच’ ? कैसे यह ट्रेन हादसों को रोक सकता है। आइए जानते हैं…
Train Collision Avoidance System (TCAS): इसे भारत में ‘कवच’ नाम दिया गया है। यह सिस्टम GPS और एडवांस कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके ट्रेन एक्सीडेंट से बचने में मदद करता है। यह ट्रेनों की स्थिति और स्पीड के बारे में वास्तविक समय जानकारी प्रदान करता है, जिससे सिस्टम सुरक्षित दूरियों की गणना कर सकता है और अगर एक्सीडेंट की आशंका हो तो ट्रेन चालकों को चेतावनी दे सकता है। ‘कवच’ तकनीक ने भारतीय रेलवे द्वारा किए गए कई परीक्षणों में अपनी प्रभावशीलता साबित की है। बावजूद इसके इतना बड़ा हादसा हो गया। ‘कवच’ तकनीक अभी तक भारत के पूरे रेल नेटवर्क पर स्थापित नहीं हुई है और इस रूट पर भी ‘कवच’ की टेक्नोलॉजी नहीं थी जिस वजह से यह हादसा हुआ।
कैसे काम करता है कवच सिस्टम ?
कवच एक ऐसा सिस्टम है जिसे हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है। इसके साथ ही इसे ट्रेन, ट्रैक और रेलवे सिग्नल सिस्टम में भी इंस्टॉल किया जाता है. यह पूरा सिस्टम एक दूसरे कंपोनेंट्स से अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए कम्युनिकेट करता है।
अब तक कितने ट्रेनों में इंस्टॉल है कवच सिस्टम ?
23 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि आने वाले समय में कवच सिस्टम को सिस्टेमैटिक तरीके से इंस्टॉल किया जाएगा। कवच सिस्टम को अब तक साउथ सेंट्रल रेलवे के 1445 किलोमीटर रूट के साथ साथ 77 ट्रेनों में जोड़ा गया है। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर भी इसे इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है।
सरकार से यह अपील है कि Train Collision Avoidance System (TCAS) यानि ‘कवच’ को जल्द से जल्द सभी रूटों पर एक्टिवेट किया जाए।