Transgender meaning in hindi
हाल ही में Jio Cinema में ‘ताली’ नाम से एक सीरीज़ आयी है। इसमें सुष्मिता सेन ने ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट श्रीगौरी सावंत का किरदार निभाया है। इसमें श्रीगौरी सावंत के ट्रांसजेंडर बनने तक और कानूनी लड़ाई लड़ने तक की कहानी प्रदर्शित की गई है। पब्लिक का रिस्पांस भी इस सीरीज़ को अच्छा मिला है।
अब भी हमारे देश में Transgenders को अलग चश्मे से देखा जाता है। सार्वजनिक स्थान पर ट्रांसजेंडर दिखने पर बहुत से लोग अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया देते हैं। आखिर क्यों हम पूरी तरह से ट्रांसजेंडर लोगों को एक्सेप्ट नहीं कर रहे हैं। क्यों हम इनको खुद से अलग समझते हैं ? क्या हैं ट्रांसजेंडर लोगों के चैलेंजेस और सरकार द्वारा किया गए कार्य ? आइए जानते हैं ट्रांसजेंडर लोगों से जुड़े सवालों के जवाब…
Transgender के प्रकार
भारत में, ट्रांसजेंडर लोगों की पहचान और अनुभव बहुत अलग प्रकार के होते हैं। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ‘ट्रांसजेंडर’ शब्द का प्रयोग अक्सर एक व्यापक शब्द के रूप में किया जाता है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि भारत में ट्रांसजेंडर लोग कितने प्रकार के होते हैं ?
हिजड़े (Hijras):हिजड़े भारत में सबसे प्रसिद्ध ट्रांसजेंडर समुदायों में से एक हैं। दक्षिण एशिया में उनका एक लंबा इतिहास है और उन्हें एक अलग लिंग के रूप में मान्यता प्राप्त है। कई हिजड़े संगठित समुदायों में रहते हैं, और वे अक्सर जन्म और शादियों में आशीर्वाद देते हैं और गाते हैं। ऐतिहासिक रूप से, उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा है, लेकिन वे भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग भी रहे हैं।
किन्नर: किन्नर एक और शब्द है जिसका इस्तेमाल ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए किया जाता है, खासकर उत्तर भारत में। हिजड़ों की तरह, किन्नरों की भी अपनी विशिष्ट पहचान और सांस्कृतिक प्रथाएं हैं। कुछ किन्नरों को बधियाकरण यानि जिस प्रकिया से व्यक्ति को नपुंसक बनाया जाता है, होकर गुजरना पड़ता है।
अरावनी: अरावनी शब्द का प्रयोग अक्सर दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए किया जाता है। उनकी अपनी अनूठी सांस्कृतिक परंपराएं और समारोह हैं, जैसे कि वार्षिक कूवगम उत्सव, जहां वे भगवान अरावन की शादी की पुनरावृत्ति करते हैं।
ट्रांसजेंडर महिलाएं (पुरुष से महिला या MTF):ट्रांसजेंडर महिलाएं वो होती हैं जो जन्म के समय तो पुरुष होती हैं लेकिन वो खुद को महिलाओं के रूप में रखती हैं, वो महिलाओं के जैसे व्यवहार करती हैं। ये लोग हार्मोन थेरेपी या लिंग-पुष्टि सर्जरी के द्वारा खुद को पूर्ण रूप से महिला बना सकती हैं।
ट्रांसजेंडर पुरुष (महिला से पुरुष या FTM): ट्रांसजेंडर पुरुष ऐसे लोग होते हैं जो जन्म के समय तो महिला के रूप में होते हैं। लेकिन वे खुद को पुरूष के रूप में देखते हैं। हार्मोन थेरेपी या सर्जरी के द्वारा ये लोग पूर्ण रूप से पुरुष बन सकते हैं।
Challenges Faced by Transgender People in India
भारत में ट्रांसजेंडर लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें कुछ बातें शामिल हैं…
भेदभाव (Discrimination):ट्रांसजेंडर लोगों के साथ अक्सर रोजगार, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में भेदभाव किया जाता है। उन्हें सार्वजनिक सुविधाओं और सेवाओं तक पहुंच से भी वंचित किया जाता है।
हिंसा (Violence):ट्रांसजेंडर लोग यौन उत्पीड़न और हत्या सहित हिंसा के असमान रूप से शिकार होते हैं।
कलंक (Stigma):ट्रांसजेंडर लोगों को अक्सर समाज द्वारा कलंकित और हाशिए पर रखा जाता है। वे मजाक, अपमान और हिंसा का विषय हो सकते हैं।
कानूनी मान्यता का अभाव (Lack of legal recognition):भारत में ट्रांसजेंडर लोगों को कानूनी मान्यता है। बावजूद इसके समाज द्वारा इनको बुनियादी सेवाओं तक इनकी पहुंच मुश्किल होती है।
भारत में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए हालिया कानूनी जीत
हाल के वर्षों में, भारत में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण कानूनी जीत हासिल हुई हैं। 2014 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ट्रांसजेंडर लोग वोट देने के अधिकार और शिक्षा के अधिकार सहित नागरिकों के सभी अधिकारों और विशेषाधिकारों के हकदार हैं। 2018 में, भारत सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम पारित किया, जो ट्रांसजेंडर लोगों को कानूनी मान्यता और अन्य सुरक्षा प्रदान करता है।
इन कानूनी जीतों के बावजूद, भारत में ट्रांसजेंडर लोगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसजेंडर मुद्दों के बारे में अभी भी जागरूकता की कमी है, और कई ट्रांसजेंडर लोग भेदभाव और हिंसा के डर से बाहर आने से डरते हैं। हालांकि, हालिया कानूनी जीत ने ट्रांसजेंडर लोगों को बेहतर भविष्य की आशा दी है।
भारत में ट्रांसजेंडर लोगों का समर्थन करने के तरीके
भारत में ट्रांसजेंडर लोगों का समर्थन करने के कई तरीके हैं। इसमें कुछ शामिल है…
ट्रांसजेंडर मुद्दों के बारे में खुद को शिक्षित करना (Educating yourself about transgender issues):पहला कदम ट्रांसजेंडर मुद्दों के बारे में खुद को शिक्षित करना है। इसमें ट्रांसजेंडर लोगों के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न शब्दों, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनकी रक्षा करने वाले कानूनों के बारे में सीखना शामिल है।
भेदभाव को चुनौती देना (Challenging discrimination):अगर आप किसी को उसकी लिंग पहचान के कारण भेदभाव का शिकार होते हुए देखते हैं, तो इसके बारे में बोलें। इसमें भेदभाव को उजागर करना या अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट करना शामिल हो सकता है।
ट्रांसजेंडर संगठनों को दान (Donating to transgender organizations):भारत में ट्रांसजेंडर लोगों के समर्थन के लिए कई संगठन काम कर रहे हैं। आप इन संगठनों को उनके महत्वपूर्ण कार्य जारी रखने में मदद करने के लिए दान कर सकते हैं।
इसके अलावा आप ट्रांसजेंडर संगठनों को भी अपना समय स्वेच्छा से दे सकते हैं। इसमें परामर्श, सलाह या बाकी सहायता सेवाएं प्रदान करना शामिल हो सकता है।
कुल मिलाकर सिर्फ फिल्म या सीरीज़ देखने भर से हमारी जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती है। हमें खुलकर ट्रांसजेंडर लोगों का समर्थन करना पड़ेगा। समाज में इन लोगों की importance को समझना होगा। ये लोग भी देश को आगे बढ़ा सकते हैं बर्शतें हमें भी इनको वो प्यार और सम्मान देना होगा।